Monday, October 19, 2015

हँसती है तो झरते फूल

फूलों से नाता है उसका
रंगों से उसे प्यार है
देर रात तक जागकर
अलसुबह उठने से बेज़ार है
आवाज़ों से उसे मुहब्बत
साज़ों से इकरार है
दिल का रोग लगा उसको
इश्क में गिरफ्तार है
बातों में उसकी जादू -सा
कलम की सरकार है
हँसती है तो झरते फूल
रोना भी बारम्बार है
पहाड़ों से उसे आशिकी
समंदर से भी प्यार है

No comments:

Post a Comment

मेरा काव्य संग्रह

मेरा काव्य संग्रह
www.blogvani.com

Blog Archive

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

about me

My photo
मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।