Thursday, September 19, 2013

निचाट एकांत



बजता हो
भले संगीत
मुझे व्यवधान लगता है
हमारे बीच
..................
कुछ नहीं हमारे बीच
केवल रहें हम
निष्कवच
...............
कुछ जुमले तुम्हारे
मेरी हाँ-हूँ
कभी-कभी तो
लगते हैं
ये भी व्यवधान
करते व्यथित
...............
हम तुम जब अकेले हों
काश, हमेशा
बाकी हो तो केवल
रहसंलाप
हमारी आत्माओं के बीच



मेरा काव्य संग्रह

मेरा काव्य संग्रह
www.blogvani.com

Blog Archive

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

about me

My photo
मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।