नर्सरी से पौधे खरीदते
दंपत्ति
आश्वस्त करते हैं मुझे
हरियाली बची रहेगी अभी
लाल गुलाब
खरीदकर कोट में छिपाता
लड़का
सांत्वना देता है
प्रेम बचा हुआ है अभी
लायब्रेरी से निकलती
संजीदा नवयुवती
देती है दिलासा
पुस्तकें अब भी पढ़ी जाती हैं
सलीके से साड़ी पहने हुए
स्त्री
मानो भरोसा देती है
गरिमा हमारी अक्षुण्ण है अभी
लाख उलाहना देते हों
लोग
मुझे अब भी नजर आती है
दुनिया में संभावना