मैं नहीं छीन रहा हूँ
तुम्हारे अंदर निहित
संभावनाओं को, तुम्हारी आशाओं
आकांक्षाओं या महत्वाकांक्षाओं को
अब भी
यही सब कुछ
इसी तरह होगा, जैसा तुम चाहोगी
बस
मुझे तुम्हारा
समुद्र के पास जाना
अच्छा नहीं लगता
मैं समुद्र से ईर्ष्या करता हूँ
उसमें तुम्हारी उदासी
या आँसू नहीं
हमारी-तुम्हारी बनाई काग़ज़ की नाव
बहाना चाहता हूँ
पता है, समुद्र से बुरा नहीं हूँ मैं
यही बात तुम्हें
बताना चाहता हूँ।