Sunday, April 18, 2010

मन से दूर


खोज कर ला दे कोई उन्हें
जो चले गए हैं मन से दूर
उन बिन जीवन ऐसे लगता
मानों शरीर बिन प्राण
उन बिन जीवन ऐसे लगता
मानों नौका बिन सागर
खोज कर ला दे कोई उन्हें
जो चले गए हैं मन से दूर
कल जहाँ था कोलाहल
आज वहाँ नीरवता छाई
पायल की झंकार हुई गुम
बजता नहीं कोई नूपुर
खोज कर ला दे कोई उन्हें
जो चले गए हैं मन से दूर
प्यासे को न दो हलाहल
मयकश को न रखो दूर मधु से
जीवन जिसका हो मदहोशी
उसे रहने दो नशे में मग़रूर
खोज कर ला दे कोई उन्हें
जो चले गए हैं मन से दूर

1 comment:

  1. koi to mila do is aashik ko us ki mahbuba se




    bahut khub



    shekhar kumawat
    http://kavyawani.blogspot.com/\

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।