Monday, May 10, 2010

मिलन यामिनी का सुख-सार भूला

मैं मिलन यामिनी का सुख-सार भूला
मादकता भूला साकी नयनों की
मधु की मदहोशी भूला
प्यालों की खनक पायल झंकार
मधुबाला की डपट-दुलार भूला
मैं मिलन यामिनी का सुख-सार भूला
कंचन देह की द्य़ुति भूला
साँसों में महकता कचनार भूला
चपलता भूला मृग नयनों की
ओंठो से हुआ अभिसार भूला
मैं मिलन यामिनी का सुख-सार भूला
याद उसे कब कर पाऊँगा
याद उसे कब आऊँगा
दूर बैठा कहीं, मीत मन का
मैं उसे, शायद वह भी है मुझको भूला
मैं मिलन यामिनी का सुख-सार भूला

2 comments:

  1. एक अच्छी रचना पर आपको बधाई

    http://sanjaykuamr.blogspot.com/

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  2. bahut sundar...milan yaamini ka sukh saar bhoola...

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।