अकेला रहता है, अकेला बहता है,भीड़ में
है तनहा, जमाना उसे अपना कहता है
उसकी हर अदा दुनिया से जुदा है हरदम
खुशियाँ बाँटता है सबमें,दर्द अकेले सहता है
हर लम्हा सूझती है कोई नई शरारत
दिल बच्चे-सा है, हमेशा ज़िद पे रहता है
नाम का रिश्ता दिन से नही रात से है
सपने देखता है ऊँचे,पूरे करके दम लेता है
कुछ बातें दिल छूती हैं,कुछ लगती हैं दिल पे
एक उल्का-सा है,हरदम अपनी रौ में रहता है
उसको नाग़वार हैं ज़माने की दुश्वारियां
जेहन में उसके तराशने का हुनर रहता है
है तनहा, जमाना उसे अपना कहता है
उसकी हर अदा दुनिया से जुदा है हरदम
खुशियाँ बाँटता है सबमें,दर्द अकेले सहता है
हर लम्हा सूझती है कोई नई शरारत
दिल बच्चे-सा है, हमेशा ज़िद पे रहता है
नाम का रिश्ता दिन से नही रात से है
सपने देखता है ऊँचे,पूरे करके दम लेता है
कुछ बातें दिल छूती हैं,कुछ लगती हैं दिल पे
एक उल्का-सा है,हरदम अपनी रौ में रहता है
उसको नाग़वार हैं ज़माने की दुश्वारियां
जेहन में उसके तराशने का हुनर रहता है
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