Saturday, March 5, 2011

देवदार से झरती बर्फ

देवदार की पर्णहीन टहनियों से
बर्फबारी रूकने के बाद
झरती बरसती है
फूलों-सी बर्फ
जैसे गिरते हैं
बसंत से पहले
पत्ते इमली के
झर-झर-झर
थोड़ी-सी धूप
क्षणिक बसंत ले आती है
मनाली के पहाड़ पर......

8 comments:

  1. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  2. खूबसूरत चित्रण |बधाई
    आशा

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  3. झरती बर्फ के बीच थोड़ी-सी बर्फ बसंत का संकेत देती है ...
    सुन्दर प्रकृति चित्रण !

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  4. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कविता के लिए हार्दिक बधाई।

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  5. बहुत सुन्दर शब्द चित्र...बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना..

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  6. शब्दों से दृश्य खींच दिया है .... बहुत लाजवाब ..

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।