खोजने निकला तो
मिले तो बहुत
मगर...
कोई चंचल मिला, कोई शांत मिला
कोई खुश मिला, कोई अशांत मिला
कोई बौराया, कोई पगलाया-सा
कोई उदास, कोई निराश मिला
खोजने निकला तो
कोई प्यारा-सा, कोई न्यारा-सा
कोई जीता-सा, कोई हारा-सा
कोई उत्साहित, कोई विथकित
कोई अनुरक्त, कोई विरक्त
कोई यायावर, कोई सैलानी
कोई रमता जोगी, कोई तपी-ध्यानी
खोजने निकला तो
एक तुम ही न मिले
कहीं
ओ अभिमानी
ओ तेजोमय
ओ प्रभामय
ओ अमित स्वरूप
ओ मुझ मृग की तृष्णा के झिलमिल पानी
खोजने निकला तो
मिले तो बहुत
मगर एक तुम ही मिले
मिले तो बहुत
मगर...
कोई चंचल मिला, कोई शांत मिला
कोई खुश मिला, कोई अशांत मिला
कोई बौराया, कोई पगलाया-सा
कोई उदास, कोई निराश मिला
खोजने निकला तो
कोई प्यारा-सा, कोई न्यारा-सा
कोई जीता-सा, कोई हारा-सा
कोई उत्साहित, कोई विथकित
कोई अनुरक्त, कोई विरक्त
कोई यायावर, कोई सैलानी
कोई रमता जोगी, कोई तपी-ध्यानी
खोजने निकला तो
एक तुम ही न मिले
कहीं
ओ अभिमानी
ओ तेजोमय
ओ प्रभामय
ओ अमित स्वरूप
ओ मुझ मृग की तृष्णा के झिलमिल पानी
खोजने निकला तो
मिले तो बहुत
मगर एक तुम ही मिले
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