Wednesday, October 20, 2010

transformation

कुछ कविताएँ

मेरे अंदर
कहानियाँ बन जाती हैं
कुछ कहानियाँ
कविता बनकर
मुझमें घर कर जाती है
कुछ कविताएँ
चोला चढ़ाकर
मूर्तियाँ बन जाती हैं
कुछ कहानियाँ
झटक कर अपना सारा स्थूल
महज सुगंध
बन जाती हैं

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मेरा काव्य संग्रह

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।