Thursday, June 17, 2010

मैंने घर को जंगल बना रखा है !


इधर या उधर आगे या पीछे
नीचे और उपर(!) जिधर से शुरू करूँ
पेड़ ही पेड़ हैं
(झाड़ियों को भी यही समझता हूँ मैं
जैसे ब्लॉग और माइक्रो ब्लॉग एक ही समझे जाते हैं)
बाँस, पीले फूलों वाला केल
कटहल, गूलर, गुच्छों और विरल फूलों वाला लाल कनेर
अशोक, बोगनबेलिया लाल, गुलाबी, पीला, सफेद
नीम कड़वा और मीठा
नींबू कागजी और बिजौरा, बेर
आम कलमी और देसी, पपीता
लिली सफेद, गुलाबी और लाल फुटबॉली
कोयल/नीलकंठ, चंपा लाल और पीला
गोल्डन ग्रीन हैज, सीताफल, बदाम
जामफल, गुलमोहर, अमलतास, संतरा
लेमनग्रास, गुलटर्रा, चमेली, जूही
जामुन, रबर, क्रिसमस फ्लॉवर, मोगरा
क्रिसमस ट्री, पारिजात जंगली, गुलाब देसी, पीले, लाल, सफेद
पीपल, बरगद, सागौन, आँवला, गोल्डन शॉवर, तुलसी, मनीप्लांट
कैक्टस, लतरें, फर्न, दवा बिच्छु की, जरकंडा, अडेनियम, ज़ेड
कुछ बिन उगाए ही, उग गए हैं, जंगली फूल और पौधे....
मैं अपने घर के चारों ओर जंगल लगा रखा है
तुम कहते / कह सकते हो, मैंने घर को जंगल बना रखा है

6 comments:

  1. बहुत बढ़िया ग्रीनहाउस ...प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है, एक सुकून मिलता है हरियाली से...

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  2. बहुत बढ़िया

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  3. गुलमोहर और अमलतास की छाँव में
    फैली थी सुवास
    बिखरे थे सूखे पत्ते
    था निर्जन एकांत
    मै रहा था उसे निहार

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।