Wednesday, February 26, 2014

न कृष्ण, न बुद्ध


कुछ
सौंदर्य से
दूर रहे
बेचैन रहे
कुछ
पास रहकर भी
बेज़ार रहे
कुछ को
व्यापा ही नहीं यह
पास रहे, दूर रहे
निर्विकार रहे
..................
ऐसे दुनियादार
लोगों से ही
दुनिया
गुलज़ार रहे

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।