सब छोड़ना पड़ता है, सब पाने
के लिए
जब तक डूबे नहीं चाँद, सवेरा
नहीं होता
हम ही कहाँ ख़्वाहिशों के लिए
जुनूनी हैं
कौन-सा ख़्वाब है वरना है, जो
पूरा नहीं होता
पहले सीखो, फिर कमाओ, फिर
आँखें फेरो, भूल जाओ
जिंदगी चार पहर की, हर पहर
दोबारा नहीं होता
किस्मत से तुम्हें-मुझे मिल गई
है असल तालिम
फ़लसफ़ा जिंदगी का हरेक पे
तारी-नुमाया नहीं होता
इलहाम हो ही गया है तो खोल लो
आँखें
दरवाज़े पे दस्तक हो दुबारा,
दुबारा नहीं होता
No comments:
Post a Comment