सब भर जाता है तो सब मर जाता है
खाली कर दो खुद को, तो वक्त लौट आता है
हार कर बैठना भी ईलाज है एक किस्म का
हर वक्त जीतने से, इसका मायना मर जाता है
जब तक जियो नहीं मारती है जिंदगी
जिंदादिली से मरना भी, अमर कर जाता है
हम अपने ही प्रेत के होते हैं ग़ुलाम
गुज़रा हुआ तो भूत है, कहाँ लौट पाता है
वक्त जिया तो ठीक, गुज़ारा-गँवाया तो ठीक
हम जो मानें, बही-खाते में वही नजर आता है
Wah :) shandar.
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