जल्द होती है सुबह
देर तलक रहती है रोशनी
मौसम फिर भी ठंडा और खुशगवार
शायद यही बात
गुजरती हो दुश्मनों को नागवार
फैलाते थे दहशत
करते थे मासूमों पर वार
अब
सबकुछ ठीकठाक
पुरसुकून, खुशमिजाज
ओ कश्मीर! तुझपे जाँनिसार
देर तलक रहती है रोशनी
मौसम फिर भी ठंडा और खुशगवार
शायद यही बात
गुजरती हो दुश्मनों को नागवार
फैलाते थे दहशत
करते थे मासूमों पर वार
अब
सबकुछ ठीकठाक
पुरसुकून, खुशमिजाज
ओ कश्मीर! तुझपे जाँनिसार
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