अभी मूल्यांकन का वक्त नहीं है
बची अभी है रात अँधेरी
शेष अभी बातें बहुतेरी
अंधकार है कितना छाया सुबह अभी अलमस्त नहीं है
अभी मूल्यांकन...
बहुत अभी संघर्ष बचा है
शेष समर है अभी सारथी
ना लौटा रथ रणभूमि से अभी हौसला पस्त नहीं है
अभी मूल्यांकन ...
साथ बैठकर बाँट ले सुख-दुख
कर लें बातें न फेर अभी मुख
अबके बिछुड़े कब मिले ना कह अभी वक्त नहीं है
अभी मूल्यांकन...
जीवन कर्मों का ही फल है
भाग्य भरोसे आशा निष्फल है
कर सकता बहुत कुछ अभी इतना तो तू व्यस्त नहीं है
अभी मूल्यांकन...
कर ले जितना तू कर सकता
पा ले जितना तू पा सकता
यह कह ना बैठ ओ नीरव इच्छाओं का अंत नहीं है
अभी मूल्यांकन...
WAAH !!!! WAAH !!!! WAAH !!!!
ReplyDeleteATISUNDAR RACHNA......BHAAV SHABD AUR PRAAVHMAYTA NE APNE HI SANG BAHA LIYA....MUGDHKARI ATISUNDAR RACHNA...