Saturday, January 2, 2010

पिछले सिंहस्थ में




एक लड़की
लंबी दुबली-पतली साँवली-सी
पहना था जिसने
जींस और हाफ शर्ट
पहली-पहली बार
और कमर तक लटकी थी
जिसकी सुगुंफित मोटी चोटी
मेरे साथ थी
पिछले सिंहस्थ में
आज मेरे पास है
थी और भी कई लड़कियाँ
जिनके रंग-रूप पहनावे
लगते थे अच्छे( आज तो कुछ ठीक-ठीक याद भी नहीं)
या याद करना चाहता नहीं
पिछले सिंहस्थ में
जो मेरे आसपास थी
आज न जाने कहाँ हैं
गुम हो गईं है दुनिया के मेले में
क्या इस बार दीख पड़ेंगी औचक

कुंभ के मेले में

1 comment:

  1. जो साथ है उसी की फिक्र करें। दूसरों की चिंता की तो उस से भी हाथ धोएंगे।

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।