मेरी सब कविताएँ छप जाएँ...
छप कर दुनिया के पास जाएँ
कुछ आलोचना, कुछ उपेक्षा, कुछ ईर्ष्या पाएँ
मुझ तक भले न पहुँचे
मगर कहीं बातचीत का कारण बनें
-ख़याल अच्छा है-
मगर क्या होगा
जब लोग इसकी
नायिका को ढूँढने जाएँ
और तुम्हें पाएँ
...............................
मैं तो सह लूँगा
तुम गह पाओगी
विचार तो अच्छा है।
ReplyDeleteसर्वोत्तम ब्लॉगर्स 2009 पुरस्कार
ओह!! विचारना तो होगा!!
ReplyDeleteअच्छे भाव.. :)