Tuesday, March 2, 2010

अस्तित्व संकट

तुम्हारी याद
कंकड़ों की तरह
अगर गिरती रही
मेरे मन सरोवर में
इसी तरह
तो मुझे लगता है
यकीनन
लगने लगेगी
एक टापू-सी
................

और तब
मैं अपनी
वजह से नहीं
तुम्हारी यादों के
टापू के कारण
पहचाना जाऊँगा
शायद
यही है
मेरे अस्तित्व की नियति

1 comment:

  1. बहुत गहरी अभिव्यक्ति!

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।