Wednesday, December 9, 2009

रंग गोवा के


हरे-कच्च पहाड़
सफेद-नीला पानी
लाल-हरे-नीले
फिरोज़ी-जामनी-पीले
मकान ढलवां-खपरीले
रंग-बिरंगे कलात्मक परिधान
गोरे-सफेद-सांवले लोगो के
आबी-शिहाबी-धानी
रानी-अंगूरी-आसमानी
समुद्री-सीप और शैवाल

उससे ज़्यादा रंगों की शराब
सफेद-ललछोंहे फूल कनेर के
मिलते-जुलते समुद्री रेत से
इन सब पर भारी, आठों याम
बदलते रंग समुद्र के

......................
और मुझ पर है छाया
धूप-हवा-पानी के रस्ते
चेहरे-हाथों- बालों वाला
गहरा होता रंग तुम्हारा

1 comment:

  1. लगता है रंगों से खासा लगाव है आपको और खासतौर पर गहरे रंगों से....

    ReplyDelete

मेरा काव्य संग्रह

मेरा काव्य संग्रह
www.blogvani.com

Blog Archive

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

about me

My photo
मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।